
पद्मिनी, जिनका पूरा नाम पद्मिनी रामचंद्रन था, बॉलीवुड के नाम से जानी जाने वाली भारतीय फिल्म उद्योग की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। उनका जन्म 12 जून, 1932 को तिरुवनंतपुरम, केरल, भारत में हुआ था। पद्मिनी एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती थीं, जो प्रदर्शन कलाओं में गहराई से शामिल था। उनकी माँ, सरस्वती अम्मा, एक प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना थीं, और उनकी बड़ी बहनें, ललिता और रागिनी भी निपुण अभिनेत्रियाँ थीं।
पद्मिनी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में कर दी थी। उन्होंने 1948 में तमिल फिल्म “कल्पना” से अपनी शुरुआत की, जब वह सिर्फ 16 साल की थीं। फिल्म में उनके प्रदर्शन को आलोचनात्मक प्रशंसा मिली, और उन्होंने अपनी प्रतिभा और सुंदरता के लिए जल्दी ही पहचान हासिल कर ली। पद्मिनी ने 1950 के दशक के दौरान कई सफल तमिल फिल्मों में अभिनय किया।
1960 के दशक में, पद्मिनी ने हिंदी सिनेमा में परिवर्तन किया और अपने प्रदर्शन से महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। उन्होंने उस युग के प्रमुख अभिनेताओं जैसे राज कपूर, दिलीप कुमार और शम्मी कपूर के साथ कई हिट फिल्मों में अभिनय किया। उनकी कुछ उल्लेखनीय हिंदी फिल्मों में “मेरा नाम जोकर,” “जिस देश में गंगा बहती है,” और “छाया” शामिल हैं।
पद्मिनी को उनके शानदार नृत्य प्रदर्शन के लिए जाना जाता था, जिसे उन्होंने अपनी कई फिल्मों में प्रदर्शित किया। उन्होंने छोटी उम्र से भरतनाट्यम जैसे शास्त्रीय नृत्य रूपों में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उनकी अभिव्यंजक नृत्य चाल और तरलता ने उन्हें भारतीय सिनेमा में सबसे प्रसिद्ध नर्तकियों में से एक बना दिया।
अपने पूरे करियर के दौरान, पद्मिनी को उनके अभिनय और नृत्य क्षमताओं के लिए कई पुरस्कार और प्रशंसा मिली। वह अपनी बहुमुखी प्रतिभा और पात्रों की एक विस्तृत श्रृंखला को चित्रित करने की क्षमता के लिए जानी जाती थी, रोमांटिक लीड्स से लेकर नाटकीय भूमिकाओं तक। पद्मिनी के ऑन-स्क्रीन करिश्मा और आकर्षण ने उन्हें अपने समय की सबसे प्रिय अभिनेत्रियों में से एक बना दिया।
फिल्मों में एक सफल करियर के बाद, पद्मिनी ने 1961 में एक चिकित्सक डॉ. के. टी. रामचंद्रन से शादी की। उन्होंने अपने पारिवारिक जीवन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 1960 के दशक के अंत में अभिनय से संन्यास लेने का फैसला किया। पद्मिनी और उनके पति संयुक्त राज्य अमेरिका में बस गए, जहाँ उन्होंने अपेक्षाकृत निजी जीवन व्यतीत किया।
पद्मिनी का 24 सितंबर, 2006 को चेन्नई, तमिलनाडु में 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान, विशेष रूप से उनके मंत्रमुग्ध कर देने वाले नृत्य प्रदर्शनों को प्रशंसकों और आलोचकों द्वारा समान रूप से याद और सराहा जाता है। एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री और नर्तकी के रूप में पद्मिनी की विरासत बॉलीवुड के इतिहास का एक अभिन्न अंग है।

